अब के ये बहार कोई गुल नया खिलाएगी - The Indic Lyrics Database

अब के ये बहार कोई गुल नया खिलाएगी

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - लता मंगेशकर - किशोर कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - निशान | वर्ष - 1983

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बेलिया, अब के ये बहार कोई गुल नया खिलाएगी
तेरा मेरा होगा मिलन
बनेंगे हम दूल्हा दुल्हन
और ये बहार क्या दिखाएगी
दिल मचलने लगा ऐसे अंजाम से
लोग जानेंगे मुझको तेरे नाम से
बिन किए प्यार भी तो गुज़ारा नहीं
प्यार जिसने किया वो गया काम से
मीठी-मीठी होगी जलन, महकने लगेगा बदन
और ये बहार क्या सजाएगी
यार ने जो कही बात सच्ची कही
होता आया है जो सदा होगा वही
एक दूजे बिना हम अधूरे से हैं
प्यार के रंग में रंग लो ज़िन्दगी
होंठों पे इन्कार होगा, दिल तो बेक़रार होगा
ये बहार ऐसा प्यार लाएगी
गीत जाती रहें गाँव की गोरियां
बाँध ले साजना प्रीत की डोरियां
लाख चाहो मगर एक ना एक दिन
पकड़ी जाएगी ये प्यार की चोरियां
चर्चा होगी गली गली
फुल बन गई है कली
और ये बहार क्या बनाएगी