मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था - The Indic Lyrics Database

मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - आकाश दीप | वर्ष - 1965

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मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था
मुझे आप किसलिए मिल गए
मैं अकेले यूँ ही मजे में था
मुझे आप किसलिए मिल गए
यूँ ही अपने अपने सफ़र में गुम
कहीं दूर मैं, कहीं दूर तुम
चले जा रहे थे जुदा, जुदा
मुझे आप किसलिए मिल गए
मैं गरीब हाथ बढ़ा तो दूँ
तुम्हे पा सकूं के ना पा सकूं
मेरी जान बहोत है ये फासला
मुझे आप किसलिए मिल गए
ना मैं चाँद हूँ, किसी शाम का
ना चिराग हूँ, किसी बाम का
मैं तो रास्ते का हूँ एक दिया
मुझे आप किसलिए मिल गए