मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें - The Indic Lyrics Database

मुझे छू रही हैं तेरी गर्म सांसें

गीतकार - गुलजार | गायक - लता - रफी | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - स्वयंवर | वर्ष - 1980

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मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ हैं
के मेरे तो पाँव बहकने लगे हैं
लबों से अगर तुम बुला ना सको तो
निगाहों से तुम नाम ले कर बुला लो
तुम्हारी निगाहें बहोत बोलती हैं
जरा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो
पता चल गया है के मंजिल कहाँ है
चलो दिल के लंबे सफर पे चलेंगे
सफर खत्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे