शोखियों में घोला जाये फूलों का शबाब - The Indic Lyrics Database

शोखियों में घोला जाये फूलों का शबाब

गीतकार - नीरज | गायक - लता - किशोर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - प्रेम पुजारी | वर्ष - 1970

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शोखियों में घोला जाये फूलों का शबाब
उस में फिर मिलाई जाये थोड़ीसी शराब
होगा यूँ नशा जो तैय्यार वो प्यार है
हँसता हुआ बचपन वो, बहका हुआ मौसम है
छेड़ो तो एक शोला है, छू लो तो बस शबनम है
गाँव में, मेले में, राह में, अकेले में
आता जो याद बार बार, वो प्यार है
रंग में पिघले सोना, अंग से यूँ रस छलके
जैसे बजे धून कोई रात में हल्के हल्के
धूप में छाँव में, झूमती हवाओं में
हरदम करे जो इंतजार, वो प्यार है
याद अगर वो आये कैसे कटे तनहाई
सुने शहर में जैसे बजने लगे शहनाई
आना हो, जाना हो, कैसा भी जमाना हो
उतरे कभी ना जो खुमार, वो प्यार है