बुझ गे आशा के दिए बदले रंग जहाँ के - The Indic Lyrics Database

बुझ गे आशा के दिए बदले रंग जहाँ के

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - शिकस्त | वर्ष - 1953

View in Roman

बुझ गए आशा के दिये मन अँधियारा होये
लुट गए मोती नाज़ के सीप बिचारी रोए
सब दुशमन इक जान के
बदले रंग जहान के -२देख अँधेरी रात जियरवा काँपे डर से
झूमे संकट क बादरवा गरजे बरसे
जाल बिछे तूफ़ान के
बदले रंग जहान के -२होंट सिले बूझे दो नैना कुछ न कहूँ मैं
तन पे तीर फूल से मन पे आग सहूँ मैं
सब चुप हैं सब जानके
बदले रंग जहान के -२घायल हिरनी सी घबराऊँ ग़म की मारी
अपना कौन पुकारें जिसको अबला नारी
नैन बन्द भगवान के
बदले रंग जहान के -२