सर-ए-महफ़िल जो जला परवाना - The Indic Lyrics Database

सर-ए-महफ़िल जो जला परवाना

गीतकार - मजरूह | गायक - सुरैया, रफी | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - शमा परवाना | वर्ष - 1954

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सर-ए-महफ़िल जो जला परवाना
कर गया नाम-ए-वफ़ा परवाना
शम्मा से सीखे वफ़ा परवाना
ये जली है तो जला परवाना
मर के भी रह न सका शम्मा से दूर
ख़ाक़ बन-बन के उड़ा परवाना
रात भर शम्मा खड़ी जलती रही
इस तरह जल न सका परवाना
जान दे दी वहीं कुछ देर न की
शम्मा से पहले जला परवाना
शम्मा की आग में जलने आया
ख़ुद न क्यूँ ख़ाक़ हुआ परवाना
अपनी लौ में तो सभी जलते हैं
शम्मा की लौ में जला परवाना
कर गया नाम-ए-वफ़ा परवाना $