हसरतेन कामोश हैं और आह बेटासिर हैं - The Indic Lyrics Database

हसरतेन कामोश हैं और आह बेटासिर हैं

गीतकार - स्वामी रामानंदी | गायक - के एल सहगल | संगीत - लाल मोहम्मद | फ़िल्म - तदबीर | वर्ष - 1945

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हसरतें ख़ामोश हैं -२
और आह बेतासिर है
हसरतें ख़ामोश हैं
और आह बेतासिर है
तक़दीर है रूठी हुई -२
बेकार हर तदबीर है
हसरतें ख़ामोश हैं
और आह बेतासिर हैहै यक़ीं छोड़ेगा न -२
इक भी लहू की बूँद को
है यक़ीं छोड़ेगा न
इक भी लहू की बूँद को
मेरे दिल में जो चुभा
उनकी नज़र का तीर हैघर हुआ बरबाद मेरा -२
दिल जिगर टुकड़े हुये -२
फिर भी मैं ज़िन्दा हूँ बतला
क्या मेरी तक़दीर हैतक़दीर है रूठी हुई
बेकार हर तदबीर है
हसरतें ख़ामोश हैं
और आह बेतासिर है