बेखुदी में सनम उठ गए जो कदम - The Indic Lyrics Database

बेखुदी में सनम उठ गए जो कदम

गीतकार - अख्तर रोमानी | गायक - लता - रफी | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - हसीना मान जाएगी | वर्ष - 1968

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बेखुदी में सनम, उठ गये जो कदम
आ गये, आ गये, आ गये पास हम
आग ये कैसी मन में लगी है, मन से बढ़ी तो तन में लगी है
आग नहीं ये दिल की लगी है, जितनी बुझाई, उतनी जली है
दिल की लगी ना हो तो क्या ज़िन्दगी है
साथ हम जो चले, मिट गये फ़ासले
खोई नज़र थी, सोये नज़ारे, देखा तुम्हे तो जागे ये सारे
दिल ने किये जो दिल को इशारे, मिलके चले हम साथ तुम्हारे
आज खुशी से मेरा दिल ये पुकारे
तेरा दामन मिला, प्यार मेरा खिला
दिल की कहानी पहुँची ज़ुबां तक, किसको खबर अब पहुँचे कहाँ तक
प्यार के राही आये यहाँ तक, जायेंगे दिल की हद है जहाँ तक
तुम साथ दो तो चले हम आसमां तक
दिल में अरमां लिये, लाख तूफां लिये