ओ राम जी बड़ा दुःख दीना, तेरे लखन ने बड़ा दुःख दीना - The Indic Lyrics Database

ओ राम जी बड़ा दुःख दीना, तेरे लखन ने बड़ा दुःख दीना

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - राम लखन | वर्ष - 1989

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ओ राम जी बड़ा दुःख दीना
तेरे लखन ने बड़ा दुःख दीना
सुद-बूद बिसराई, मेरी नींद चुराई
मेरा मुश्किल कर दिया जीना
वो दीपक है, मैं ज्योती हूँ, वो हँसता है, मैं रोती हूँ
मेरे प्यार की कदर उसे होगी मगर मुझे ज़हर पड़ेगा पीना
मेरी अँखियां, मेरे सपने, ले गया सबकुछ साथ वो अपने
ये जान निगोड़ी जाने काहे को छोड़ी, छलिये ने सबकुछ छिना
सुनकर मेरी रामदुहाई, देखो वो आया हरजाई
निर्मोही ये कैसा, जो मैं जानती ऐसा, तो मैं करती प्यार कभी ना