एक झुउठी सी तसल्ली वो मुजे दे के चले - The Indic Lyrics Database

एक झुउठी सी तसल्ली वो मुजे दे के चले

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - शीशम | वर्ष - 1952

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( एक झूठी सी तसल्ली वो मुझे दे के चले
मेरा दिल ले के चले ) -२( तेरे वादों के सहारे पे जिये जायेंगे हम
सहते जायेंगे सितम ) -२
सहते जायेंगे सितम
राज़ ये तेरे सिवा और कोई जान न लेमेरा दिल ले के चले
एक झूठी सी तसल्ली( अपने बीमार को वो देखने आये थे मगर
ली ना कुछ दिल की ख़बर ) -२
ली ना कुछ दिल की ख़बर
बुझ न जाये ये दिया यूँ के जलाये न जलेमेरा दिल ले कर चले
एक झूठी सी तसल्ली वो मुझे दे के चले
मेरा दिल ले के चले