इक परी मेरे सपनों में आई दिल चुरा के चल दी - The Indic Lyrics Database

इक परी मेरे सपनों में आई दिल चुरा के चल दी

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - सहगान, उदित नारायण | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - राजा को रानी से प्यार हो गया | वर्ष - 2000

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इक परी मेरे सपनों में आई
उसने दुनिया ही मेरी बदल दी
मेरे सपनों में वो मुस्कुराई
और मेरा दिल चुरा के वो चल दी
चल दी चल दी
दिल चुरा के चल दी
चल दी चल दीखोया मैने चैन और पाई मैने ये परेशानी
कहें मेरे नैन हमें चाहिये वो सपनों की रानी
ढूंढ उसे जळी
जळी जळी
अरे दिल चुरा के ...आओ उसे ढूंढेंगे चलो ना
छान मारें हम कोना कोना
उसे कैसे ढूंढें समझाओ तो
देखने में कैसी है बताओ तो
हे ज़ुल्फ़ों में छांव है चेहरे पे धूप है
सोने का रूप है ऐसी है वो
हे ढूंढ उसे जळी
जळी जळी
अरे दिल चुरा के ...सोचूं मैं तो दिल घबराए
होगा क्या जो वो न मिल पाए
मिलेगी वो सपनों की रानी
यार करो कोई तो निशानी
लचकीली चाल है फूलों की डाल है
वो बेमिसाल है ऐसी है वो
हे ढूंढ उसे जळी
जळी जळी
अरे दिल चुरा के ...