फुलों में कलियों में दिल है बेचेन आजा - The Indic Lyrics Database

फुलों में कलियों में दिल है बेचेन आजा

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार शानू, साधना सरगम, सहगान | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - गैग | वर्ष - 1999

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फूलों में कलियों में प्यार की गलियों में
दोनों मिलें मिल के चलें अनजानी राहों में हम
ऐ हे दिल है बेचैन आजा आजा
ऐ हे प्यासे हैं नैन आजा आजा
फूलों में ...गा रही हैं हवाएं प्यार के वो तराने
गुनगुनाके जिन्हें हम हो गए थे दीवाने
मस्ती का आलम है मिलने का मौसम है
तो किसलिए ये फ़ासले क्यूं हम पे है ये सितम
ऐ हे दिल है बेचैन ...तू कहीं खो गया तो मैं रही खोई खोई
जाने क्या हो गया था मैं न जागी न सोई
मैं राह तकती थी कब से तरसती थी
तेरी सदा सुन के लगा मैं जी उठी हूँ सनम
ऐ हे दिल है बेचैन ...