ममता से भरी - The Indic Lyrics Database

ममता से भरी

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2015

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ममता से भरी तुझे छाओं मिली
जग जग जीना तू बाहुबली
है जहाँ विष और अमृत भी
मनन व मंथन स्थली

महिष पति का वंशज वो
जिसे कहते बाहुबली
रणमें वो ऐसे टूटे
जैसे टूटे कोई बिजली

है जहाँ विष और अमृत भी
मनन व मंथन स्थली

तलवारें जब वो लेहरायए
 

छात्र भिन्ना मस्तक हो जाए
शत्रु दल ये सोच न पाए
जाएं बचके कहाँ

माता है भाग्य विधाता
मुलन साथी केहलाता
ऐसा अध्भुत वो राजा
सबका मैं जो जीते..ो

शाशन वही सिर्गामी कहे जो
राण दोनों धरम का
मन निछलता हर क्षण
है जहाँ विष और अमृत भी
मनन व मंथन स्थली.