बिखरती ज़ुल्फ़ की परछाइयां मुझे दे दो - The Indic Lyrics Database

बिखरती ज़ुल्फ़ की परछाइयां मुझे दे दो

गीतकार - नज़ीर क़ैसर | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - परछाईयां (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1992

View in Roman

बिखरती ज़ुल्फ़ की परछाइयाँ मुझे दे दो
तुम अपनी शाम की तन्हाइयाँ मुझे दे दोये लहर लहर बदन टूट ही न जाये कहीं
खुमार-ए-हुस्न की अंगड़ाइयाँ मुझे दे दोमैं तुमको याद करूँ और तुम चले आओ
मोहब्बतों की ये सच्चाइयाँ मुझे दे दोमैं डूब जाऊँ तुम्हारी उदास आँखों में
तुम अपने दर्द की गहराइयाँ मुझे दे दो