धरती से दुउर गोर बादलों के पार आ जा - The Indic Lyrics Database

धरती से दुउर गोर बादलों के पार आ जा

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - गीता दत्त, आशा भोंसले | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - संगदिल | वर्ष - 1952

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धरती से दूर गोरे बादलों के पार आजा
आजा बसा लें नया संसार, आजा
आजा बसा लें नया संसार...छोटी सी अपनी दुनिया बसाएं
प्यार का जिसमें खेल रचाएं
चाँद को अपनी नाव बनाके,
सुंदर तारे तोड़ के लाएंदुनिया से हो अपनी दुनिया निराली
जग से निराला अपना प्यार, आजा
आजा बसा लें नया संसार...
धरती से दूर गोरे बादलों के पार आजा
आजा बसा लें नया संसार, आजा
आजा बसा लें नया संसार...गोद में लेके रात की रानी
रोज़ सुनाए नई कहानी
छम छम करता आया सवेरा
फूलों की बेल जाए निशानी (??)
शबनम आके मुखड़ा चूमे
रिमखिम बरसे मस्त फुहार, आजा
आजा बसा लें नया संसार
धरती से दूर गोरे बादलों के पार आजा
आजा बसा लें नया संसार, आजा
आजा बसा लें नया संसार...