आओ चलें मनवा मोरे दूर कहीं रे - The Indic Lyrics Database

आओ चलें मनवा मोरे दूर कहीं रे

गीतकार - मोहन मिश्रा | गायक - राजकुमारी, रफीस | संगीत - दत्ता ठाकर | फ़िल्म - अमर प्रेम | वर्ष - 1948

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बाद मुद्दत के हुआ दूर अन्धेरा ग़म का

जी : ओ

बाद मुद्दत के हुआ दूर अन्धेरा ग़म का

ल : ओ

आज से फिर मेरी क़िसमत का सितारा चमका

कर सकेगा ना जुदा तुमको कभी हमसे ज़माना

जी : चल सकेगा ना किसी का भी कोई हमसे बहाना

ल : कर सकेगा ना जुदा तुमको कभी हमसे ज़माना

जी : जो शर्तें लगाई थीं हुईं आज वो पूरी

के हुईं आज वो पूरी

सच्ची है मोहब्बत तो रहे कैसे अधूरी

तो रहे कैसे अधूरी

ल : पड़ के दुनिया के झमेलों में कहीं भूल ना जाना

जी : चल सकेगा ना किसी का भी कोई हमसे बहाना

ल : कर सकेगा ना जुदा तुमको कभी हमसे ज़माना

ल : ओ

कलियाँ हैं कहीं फूल कहीं चाँदसितारे

दीवाना हुआ जाता है दिल प्यार के मारे

जी : आओ फिर गायें गले मिल के मोहब्बत का तराना

दो : आओ फिर गायें गले मिल के मोहब्बत का तराना

जी : चल सकेगा ना किसी का भी कोई हमसे बहाना

दो : कर सकेगा ना जुदा तुमको कभी हमसे ज़माना