झूमे जी बाहर झूमे - The Indic Lyrics Database

झूमे जी बाहर झूमे

गीतकार - सरताज रहमानी | गायक - सुधा मल्होत्रा | संगीत - रामनाथ | फ़िल्म - आदमी | वर्ष - 1958

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झूमे जी बहार झूमे
झूमे जी बहार झूमे
रुत ायी प्यार की दिल ए बेक़रार की
झूमे जी बहार झूमे
झूमे जी बहार झूमे

तूने जो देखे थे सुन्दर सपने
तूने जो देखे थे सुन्दर सपने
आज हुए तेरे प्रीतम अपने
आज हुए तेरे प्रीतम अपने
झुमले गैल गोरी खुशिया मानले
झुमले गैल गोरी खुशिया मानले
लायी हूँ ख़बरिया मैं पी के द्वार की
झूमे जी बहार झूमे
झूमे जी बहार झूमे

मन की काली अब फूल बनेगी
मई की कई
मन की काली अब फूल बनेगी
प्यासे नैनों की सखि प्यास बुझेगी
प्यासे नैनों की सखि प्यास बुझेगी
गायेंगे दो दिल झुमे मल्हार की
झूमे जी बहार झूमे
झूमे जी बहार झूमे
रुत आई बहार की
दिले बेक़रार की
झूमे जी बहार झूमे
झूमे जी बहार झूमे

सैया जी तेरा जब
घूँघट उठाएंगे
सैया जी तेरा जब
घूँघट उठाएंगे
तू शर्माएगी वो मुस्कायेंगे
तू शर्माएगी वो मुस्कायेंगे
संभल संभल के
मचल मचल के
संभल संभल के
मचल मचल के
निकलेगी मुँह से गोरी.