गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - माँ बेटा | वर्ष - 1962
View in Romanमन मेरा उड़ता जाए
बादल के संग दूर गगन में
आज नशे में गाता गीत मिलन के रे
रिम झिम, रिम झिम, रिम झिमआस के पंख लगाकर पंछी मस्ताना
पी की नगरिया आज चला दिल दीवाना
घन घन बादल गरजे तो क्या
चम चम बिजली चमके तो क्या
चंचल मन तो रुकना कहीं न जाने रे
मन मेरा उड़ता जाए ...उठती हैं जैसे सागर में
कल कल छल छल करती तरंगें
मन में वैसे ही जाग रहीं
पल पल व्याकुल मस्त उमंगेंआज न रोको प्यार के इस दीवाने को
हाथों से दिल जाता है तो जाने दो
तोड़ चला ये बंधन सारे
जहाँ सजन का प्यार पुकारे
पागल है मन कब ये किसी की माने रे
मन मेरा उड़ता जाए ...