दिलावालो क्या देख रहे हो इन राहों में - The Indic Lyrics Database

दिलावालो क्या देख रहे हो इन राहों में

गीतकार - रज़ी तिर्माज़िक | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - हसीन लम्हेन 5 (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1992

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दिलवालो क्या देख रहे हो इन राहों में, इन राहों में
हद्द-ए-नज़र तक ये वीरानी साथ चलेगी, साथ चलेगीसन्नाटे फिर शमा के आँसू चाट रहे हैं, चाट रहे हैं
ये बस्ती जो उजड़ गई है अब न बसेगी, अब न बसेगीघर के अंदर सारे जंगल का सन्नाटा, सन्नाटा
शाम हुई तो इस जंगल में हवा चलेगी, हवा चलेगीजिनके हाथों दिल की ये तौहीन हुई है, तौहीन हुई है
उनके लिये भी ये दुनिया ऐसी न रहेगी, ऐसी न रहेगी'रज़ि' मियाँ तुम शाम से कैसे चुप बैठे हो, चुप बैठे हो
कुछ तो बोलो ऐसी चुप से बात बढ़ेगी, बात बढ़ेगी