तेरी दुनिया में आकर के भी - The Indic Lyrics Database

तेरी दुनिया में आकर के भी

गीतकार - भारत व्यास | गायक - (गीता डट), मोहॅमेड रफ़ी | संगीत - अविनाश व्यास | फ़िल्म - आधी रोटी | वर्ष - 1957

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तेरी दुनिया में आकार के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे खुदा के तू बन्दे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो एक
रोटी का टुकड़ा एक रोटी का टुकड़ा
तेरी दुनिया में आकार के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे खुदा के तू बन्दे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो एक
रोटी का टुकड़ा एक रोटी का टुकड़ा

अपने हाथ से घड़ा रे खिलौना
फिर क्यों पलना भूल गए
अपने हाथ से घड़ा रे खिलौना
फिर क्यों पलना भूल गए
आँखे बनाकर यु इस तरह
ज्योत डालना भूल गए
भूल गए
तेरी दुनिया में आकार के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे खुदा के तू बन्दे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो एक
रोटी का टुकड़ा एक रोटी का टुकड़ा

लोग कहे अन्धो के आगे
हर शाम यहाँ अँधेरा है
लोग कहे अन्धो के आगे
हर शाम यहाँ अँधेरा है
पर इस अँधेरे ने भी देखो
हमसे मुखड़ा फेरा है
क्या जाने वो शाम के जिसने
देखा नहीं सवेरा है
क्या जाने वो शाम के जिसने
देखा नहीं सवेरा है
नहीं रौशनी देखि तो फिर
किसको कहे अँधेरा है
अँधेरा है
तेरी दुनिया में आकार के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे खुदा के तू बन्दे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो एक
रोटी का टुकड़ा एक रोटी का टुकड़ा

तेरी दुनिया में आकार के भी
तेरी दुनिया न देख सके
हम अंधे खुदा के तू बन्दे
मिटा दो ये दुखड़ा दिला दो एक
रोटी का टुकड़ा एक रोटी का टुकड़ा.