ऐ री सहेली बाजूबंद दिल का पंछी - The Indic Lyrics Database

ऐ री सहेली बाजूबंद दिल का पंछी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अलका याज्ञनिक, सुरेश वाडकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - प्रेम ग्रंथ | वर्ष - 1996

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ऐ री सहेली ये है प्रेम पहेली
पहेली प्रेम पहेली ये मेरी प्रेम पहेली
क्या क्या क्या क्या
बाजूबंद बाजूबंद बाजूबंद बाजूबंद
दिल का पंछी नैनों के
हो दिल का पंछी नैनों के पिंजरे में हो गया बंद
बाजूबंद
दिल का पंछी ...इस दुनिया में कितने हो मुल्ला पंडित काज़ी
अरे कौन मनाए सबको दिल राज़ी रब राज़ी
मैने तुमको तुमने मुझको बस कर लिया पसंद
बाजूबंद ...कजरी के नैनों में तूने डाला कजरा
वरना क्या ये ज़ुल्फ़ें क्या ज़ुल्फ़ों का गजरा
गजरे के फूलों से तेरे प्यार की उड़े सुगंध
बाजूबंद ...लोगों दो शब्दों की सारी प्रेम कहानी
इतना प्रेम है दिल में सागर में नहीं पानी
कितना ऊंचा गगन गगन से भी है प्यार बुलंद
बाजूबंद ...