आज अपनी मेहनतों का मुझको समरा - The Indic Lyrics Database

आज अपनी मेहनतों का मुझको समरा

गीतकार - मुंशी आरज़ू | गायक - पंकज मलिक | संगीत - मुंशी आरज़ू | फ़िल्म - डाॅक्टर | वर्ष - 1941

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आज की रात मोहब्बत है जवाँ

आज की रात मोहब्बत है जवाँ

आज की रात

आज की रात मोहब्बत है जवाँ

कोई देखे मेरी दुनिया का समाँ

आज की रात

आज की रात मोहब्बत है जवाँ

आज की रात

कोई अयेगा यहाँ प्यार की दुनिया ले कर

दिल में अरमान तो आँखों में तमन्ना ले कर

मुस्करायेगा मोहब्बत का जहाँ

आज की रात

आज की रात मोहब्बत है जवाँ

आज की रात

जब सुनायेगा मोहब्बत का फ़साना कोई

प्यार में डूबा हुआ दिल का तराना कोई

दो दिल हो जायेंगे फिर एक यहाँ

आज की रात

आज की रात मोहब्बत है जवाँ

आज की रात

रात ये प्यार की है इसका सवेरा न हो

आज के चाँद की क़िस्मत में अन्धेरा न हो

आज की रात रहे यूँ ही जवाँ

आज की रात

आज की रात मोहब्बत है जवाँ

आज की रात