ओ गोरी टोरी बांकी - The Indic Lyrics Database

ओ गोरी टोरी बांकी

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - प्रबोध चंद्रा दे (मानना दे) | संगीत - चित्रगुप्त श्रीवास्तव | फ़िल्म - आधी रात के बाद | वर्ष - 1965

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ओ गोरी टोरी बांकी
हाय हाय राम
ओ गोरी टोरी बांकी
ओ गोरी तोरि बांकी बांकी
चितवन में उलझ के
जिया मोरा तो बल खाये
ओ गोरी टोरी बांकी
हाय हाय राम
ओ गोरी टोरी बांकी

माध भरी अँखियो
में दोरे गुलाबी
गुलाबी गुलाबी
माध भरी अँखियो
में दोरे गुलाबी
जिसको तू देखे
कर दे शराबी
माध भरी अँखियो
में दोरे गुलाबी
जिसको तू देखे
कर दे शराबी
गिरके उठे ुतः के गिरे
संभल न पाये
ओ गोरी टोरी बांकी
ओ गोरी तोरि बांकी बांकी
चितवन में उलझ के
जिया मोरा तो बल खाये
ओ गोरी टोरी बांकी

गोरे गोरे मुखड़े पे
कला जो टिल है
गोरे गोरे मुखड़े पे
काला काला तिल
गोरे गोरे मुखड़े पे
कला जो टिल है
अटका उसी में मेरा तो दिल है
गोरे गोरे मुखड़े पे
कला जो टिल है
अटका उसी में मेरा तो दिल है
भटका बहुत अतका बहुत
निकल न पाये
ओ गोरी तोरि बांकी बांकी
चितवन में उलझ के
जिया मोरा तो बल खाये
ओ गोरी टोरी बांकी

पलकों में फस गयी
ऐसे नजरिया
नजरिया फास
गयी फस गयी
पलकों में फस गयी
ऐसे नजरिया
तड़पे है जल में
जैसे मछरिया
पलकों में फस गयी
ऐसे नजरिया
तड़पे है जल में
जैसे मछरिया
पल में इधर
पल में उधर
हाथ न आये
ओ गोरी तोरि बांकी बांकी
चितवन में उलझ के
जिया मोरा तो बल खाये
ओ गोरी टोरी बांकी.