गाओ तराने मन के जी आशा आई दुलहन बन के जी - The Indic Lyrics Database

गाओ तराने मन के जी आशा आई दुलहन बन के जी

गीतकार - शकील | गायक - लता, शमशाद, रफ़ी, श्याम, सहगान | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - आन | वर्ष - 1952

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होय
हे
होय गाओ तराने मन के जी
आशा आई दुलहन बन के जी
नाचो नाचो मन की ताल पे
छम-छम-3

होय आज ख़ुशी बन-ठन के जी
कर घर आई है दुलहन के जी
नाचो नाचो मन की ताल पे
छम-छम-3

श: धक-धक मं में ढोलक बाजे
छम-छम पग में पायल
हो छम-छम पग में पायल
को: आ आ
होय
धक-धक मं में ढोलक बाजे
छम-छम पग में पायल
ल: बालम की नज़रों ने-2
किया है आज मेरा दिल घायल
को: आ
होय बालम की नज़रों ने
किया है आज मेरा दिल घायल
श: भेद मैं अपने खोलूँ ना
कुछ बोलूँ ना
संग डोलूँ ना

तीर चले चितवन के जी
रिमझिम आये दिन सावन के जी
नाचो नाचो मन की ताल पे
छम-छम
र: आहा
श: छम-छम
र: वाह
श: छम-छम

श: अपने पिया की जोगन बन जा
छोड़ दे महल-दुमहले
हो छोड़ दे महल-दुमहले
को: ओ
होय अपने पिया की जोगन बन जा
छोड़ दे महल-दुमहले
ल: फूल वही सछा है-2
जो काँटों के दुख भी सह ले
को: हो
होय फूल वही सछा है
जो काँटों के दुख भी सह ले
श: प्यार को जब तुम जानोगे
पहचानोगे
फिर मानोगे

रूप नये जीवन के जी
मिलते हैं द्वारे साजन के जी
नाचो नाचो मन की ताल पे

को: होय गाओ तराने मन के जी
आशा आई दुलहन बन के जी
नाचो नाचो मन की ताल पे
छम-छम-3

होय आज ख़ुशी बन-ठन के जी
कर घर आई है दुलहन के जी
नाचो नाचो मन की ताल पे
छम-छम-3

आ आ आ$