आहें न भरीं शिकवे न किए - The Indic Lyrics Database

आहें न भरीं शिकवे न किए

गीतकार - नक्षबी | गायक - नूरजहां, जोहराबाई अंबलेवाली, कल्याणी | संगीत - | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1945

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हाय

आज अपनी मेहनतों का

हाय

आज अपनी मेहनतों का

मुझको समरा ? मिल गया

किसमें सुख खोया हुआ था मैं

वो सहरा मिल गया

आज अपनी

रह गया



रह गया मिलने से क्या

जब चैन दिल का मिल गया



फूल ये आधा गया

तो बाग़ सारा मिल गाया

फूल ये आधा गया

तो

सूखे पत्ते

सूखे पत्ते झाड़ कर

सरसब्ज़ होते हैं शज़र

जितना कुछ लुटता रहा

उससे जियादा मिल गया

जितना कुछ लुटता

आरज़ू

आरज़ू तस्कीनएदिल को

आरज़ूएएहतमात



ये ना सोचो क्या न पाया

ये कहो क्या मिल गया

आज अपनी मेहनतों का

मुझको समरा ? मिल गया