अब बरसा ना हवा तेज़ चलि है अबके - The Indic Lyrics Database

अब बरसा ना हवा तेज़ चलि है अबके

गीतकार - मोहसिन नकवीक | गायक - गुलाम अली | संगीत - रफीक हुसैन | फ़िल्म - सादगी (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1997

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अब्र बरसा न हवा तेज़ चली है अबके
कितनी वीराँ तेरी यादों की गली है अबकेक्या कहूँ कितने बहानों से भुलाया है उसे
ये क़यामत बड़ी मुश्किल से टली है अबकेया मेरी आँख के कश्कोल में आँसू चमका
या अंधेरे में कोई शम्मा जली है अबकेकिसको फ़ुरसत है धुवाँ देखने जाये 'मोहसिन'
झोपड़ी शहर से कुछ दूर जली है अबके