तू आप है अपना चोर काहे रापत करे कोटवाली - The Indic Lyrics Database

तू आप है अपना चोर काहे रापत करे कोटवाली

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - पतंग | वर्ष - 1960

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तू आप है अपना चोर काहे रपट करे कोतवाली -२मुखड़ा तेरा साहू जैसा मनवा तेरा लुटेरा -२
दया धरम की गली कभी ना डाला तूने फेरा
( वही बगीचा लूटा रे तूने ) -२ था तू जिसका माली
काहे रपट करे ...पेड़ लगाया पाप का माँगे बदले में नारंगी -२
लाख छिपाए रेशम से काया तेरी नंगी
( भरी रहेगी तेरी तिजोरी ) -२ हाथ रहेंगे खाली
काहे रपट करे ...तू समझे तू बड़ा सयाना मैं समझूँ दीवाना -२
सच्चे थानेदार को अब तक ना पहचाना
जिस पर बैठा मूरख काट रहा वही डाली
काहे रपट करे ...