गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - राजाजी | वर्ष - 1999
View in Romanरेशम वाले कुर्ते पे लाल दुपट्टा डाली है
ये लड़की मेरे दिल को पागल करने वाली हैरूप इसका सादा है रंग इसका आला है
मौसम का जादू है शोख़ियों का प्याला है
ये मेरी महबूबा है बोलने से डरती है
क्या बताऊं लोगों ये हँस के घायल करती है
इसके नखरे देखो तो नार बड़ी नखराली है
हे हे रेशम वाले कुर्ते पे ...जान-ए-जानां पढ़ ले तू प्यार के अफ़साने को
रूठ के क्यूं जाती है देख तो दीवाने को
अरे अरे
बेकरारी समझे ना दर्द मेरा जाने ना
संगदिल है ज़िद्दी है बात कोई माने ना
इसका क्या कहना यारों इसकी बात निराली है
हे रेशम वाले कुर्ते पे ...