रात सुहानी जाग रही है धीरे धिरे चुपके चुपके - The Indic Lyrics Database

रात सुहानी जाग रही है धीरे धिरे चुपके चुपके

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - जिगरी दोस्त | वर्ष - 1969

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रात सुहानी जाग रही है
धीरे-धीरे चुपके-चुपके चोरी-चोरी हो
प्रेम कहानी जाग रही है
धीरे-धीरे ...चल रहे हैं जादू थम गया ज़माना
दिल चुरा रहा है ये समाँ सुहाना
पालकी चमन में फूलों की उतार के
ये बहार गा रही है गीत प्यार के ओ
और जवानी जाग रही है
धीरे-धीरे ...चाँद कर रहा है प्यार के इशारे
ये हमारे नयना बन गए हैं तारे
नींद ने न आने की उठाई है क़सम ओ
नींद कैसे आए मन के द्वार पे सनम ओ
प्रीत दीवानी जाग रही है
धीरे-धीरे ...एक पहेली तुम मुझसे पूछो
आ गए कहाँ हम ये किसी से पूछो
ये ज़मीन लग रही है आसमान सी
दिल की धड़कनों में पड़ गई है तान सी ओ
ज़िन्दगानी जाग रही है
धीरे-धीरे ...