हमसफर मेरे हमसफर, पंख तुम परवाज़ हम - The Indic Lyrics Database

हमसफर मेरे हमसफर, पंख तुम परवाज़ हम

गीतकार - Nil | गायक - लता मंगेशकर - मुकेश | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - पूर्णिमा | वर्ष - 1965

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हमसफर मेरे हमसफर, पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का साज़ हो तुम, साज़ की आवाज़ हम
हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का गीत हो तुम, गीत का अंदाज़ हम
आँख ने शर्मा के कह दी, दिल के शरमाने की बात
एक दीवाने ने सुन ली दूजे दीवाने की बात
प्यार की तुम इन्तेहा हो, प्यार की आगाज़ हम
ज़िक्र हो अब आसमान का या ज़मीन की बात हो
ख़त्म होती है तुम्ही पर अब कहीं की बात हो
हो हसीन तुम, महजबीं तुम, नाज़नीं तुम नाज़ हम