सजना वे नहीं मैं समझ गई - The Indic Lyrics Database

सजना वे नहीं मैं समझ गई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - सुखविंदर सिंह, ऋचा शर्मा | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - ताल | वर्ष - 1999

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साजणा वेमे सोणेया वेरांझणा वे सोणेया वे माहिया वेनि मैं समझ गई नि मैं समझ गईइस गल दी रमज मैं समझ गईना समझी थी तो उलझ गई अब उलझन तेरी सुलझ गईनि तू समझ गईनि मैं समझ गया नि मैं समझ गया
इस गल दि रमज मैं समझ गया
रांझणा वे सोणेया वे माहिया वे
माहिया वे सोणेया वे रांझणा वेनासमझ मुझे बतलाये ना ये कुछ भी मुझे समझाये नारंग इतना चढ़ा कि दमक गया होँठों से आँख में ठहर गयाबन के फिर वो घनघोर घटा ज़ुल्फ़ों में फिर वो उलझ गयाऐनूं प्यार दा चस्का ए साईं ते इश्क़ ही ऐदी रियासत एऐते मत्थे ताज मुहब्बत दा अक्खाँ विच नशा इबादत दा एदर्बार ऐदे विच कई रांझे ते मिरजे बोलियाँ पौंदे नेऐ हुस्न दे चरने हुस्न दे चरने हुस्न दे चरने पी जांदाओ तेरे हुस्न दे चरने पी जांदाओ तेरे हुस्न दे चरने पी जांदा जी-जी जांदा जी-जी जांदाओ साईं ऐदा साईं मेरेया साईं ऐदा की जांदाहथ लजाये शर्मा जांदा ते तोड़ेया ऐ मुरझा जांदातो साई ऐदा की जांदा
ओ साईं मेरेया साईं मेरेया साईं मेरेया की जांदानी तु समझ गई
नी तु समझ गया