माटी का बुत भा गया - The Indic Lyrics Database

माटी का बुत भा गया

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - सुरैया, मुकेश | संगीत - गोविंद राम | फ़िल्म - दो दिल | वर्ष - 1947

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मैं भँवरा तू है फूल ये दिन मत भूल

मैं भँवरा तू है फूल ये दिन मत भूल

जवानी लौट के आए ना

श : मन गाए तेरे गीत बसा कर प्रीत

मोहे कुछ तुझ बिन भाए ना

मु : तू सूरज मैं उजियारा

है अब जीवन भर का मेल

सुनो जी प्रीत नहीं है खेल

श : यह जीवन मुझको प्यारा

जिऊँ मैं दुनिया के दुख झेल

ओ प्रीतम आग से खेलूँ खेल

मु : इस दिल की है दिल से लाग खुले हैं भाग

ये दुनिया हमको सताए ना

दो : मैं भँवरा तू है

श : तू मेरा है मैं तेरी

साजन मैं राधा तू श्याम

जपूँ मैं हरदम तेरा नाम

मु : मैं तेरा हूँ तू मेरी

चलेंगे प्रीत का दामन थाम

हमें दुनिया से नहीं है काम

श : बेदर्द है यह संसार चलें उस पार

जहाँ दुख भूल के जाए ना

दो : मैं भँवरा तू है