पागल मुझे बनाया गया है सिटी बजा के - The Indic Lyrics Database

पागल मुझे बनाया गया है सिटी बजा के

गीतकार - देव कोहली | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, अभिजीत | संगीत - दिलीप सेन-समीर सेन | फ़िल्म - अनादि नंबर 1 | वर्ष - 1999

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पागल मुझे बना गया है सीटी बजा के
चक्कर कोई चला गया है सीटी बजा के
सोई थी मैं जगा गया है सीटी बजा के
नींदें मेरी उड़ा गया है सीटी बजा केपागल मुझे बना गई है सीटी बजा के
चक्कर कोई चला गई है सीटी बजा के
सोया था मैं जगा गई है सीटी बजा के
नींदें मेरी उड़ा गई है सीटी बजा के
पागल मुझे बना ...मस्ती से भरी तू मस्त बड़ी
तेरी ज़ुल्फ़ खुली खुश्बू सी उड़ी
जब आँख लड़ी इक जंग छिड़ी
तू ज़िद पे अड़ी ज़िद्दी है बड़ी
मैं उड़ती पवन सावन की झड़ी
मोती की लड़ी हीरे से जड़ी
जब रात हुई फिर बात बढ़ी
मेरे दिल पे पड़ी जादू की छड़ी
जादू कोई चला गई है सीटी बजा के
मेरे होश तू उड़ा गई है सीटी बजा के
पागल मुझे बना ...दिलबर है मेरा चितचोर बड़ा
मेरे पीछेए पड़ा दिल लेके उढ़ा
दिखने में बड़ा है तू चिकना घड़ा
मैं हार गई अँखियों को लड़ा
मैं लिखा पढ़ा मुझको ना पढ़ा
नखरे ना दिखा गुस्सा ना चढ़ा
तेरे रस्ते में हूँ मैं कबसे खड़ा
बाहों में तू आ चल हाथ बढ़ा
हो हथकड़ियां तू लगा गया है सीटी बजा के
मेरा यार मुझपे छा गया है सीटी बजा के
पागल मुझे बना ...