उनसे नज़रें मिलिन और हिजाब आ गया - The Indic Lyrics Database

उनसे नज़रें मिलिन और हिजाब आ गया

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर, मीनू पुरुषोत्तम | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - ग़ज़ल | वर्ष - 1964

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उन से नज़रें मिली और हिजाब आ गया
ज़िंदगी में हसीन इन्क़िलाब आ गयाबेखबर थे उमर के तक़ाज़ों से हम
हमको मालूम न था ऐसे भी दिन आयेंगे
आइना देखे तो आप अपने से शरमायेंगे
आज जाना कि सच मुच शबाब आ गयाआँख झुकती है क्यों साँस रुकती है क्यों
इन सवालों क खुद से जवाब आ गयादिल के आने को हम किस तरह रोकते
जिसपे आना था ख़ाना खराब आ गया