मार गई रे हमें तेरी नजरिया, प्यारी नजरिया, निरछी नजरिया - The Indic Lyrics Database

मार गई रे हमें तेरी नजरिया, प्यारी नजरिया, निरछी नजरिया

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - नूरजहां, सहगान | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - खानदान | वर्ष - 1942

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है

महक रही फुलवारी हमरी

है

महक रही फुलवारी हमरी

महक रही फुलवारी

झूम रही है डारीडारी

डारीडारी

महक रही फुलवारी हमरी

महक रही फुलवारी

तेज़ीतेज़ी चली

तेज़ीतेज़ी चली हवायें

फूलफल बिखराये

मन आशा का पेड़ सुखाया

दुख पर दुख पहोँचाये

मेरा बनता काम ना बिगड़ा

मौत भी थक के हारी

महक रही फुलवारी हमरी

महक रही फुलवारी

सुख के बादल

सुख के बादल फिर घिर आये

बिगड़ा काम बनाया

जीवनजल ने बरसबरस के

दया दमा पलटाया ?

फिर से महकी फिर से लहकी

सूखी हुई हर क्यारी

महक रही फुलवारी हमरी

महक रही फुलवारी