खामोश है ज़माना, चुप-चुप हैं सितारे - The Indic Lyrics Database

खामोश है ज़माना, चुप-चुप हैं सितारे

गीतकार - नक्षबी | गायक - लता | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - महल | वर्ष - 1949

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आह को चाहिये एक उम्र असर होने तक

आह को चाहिये एक उम्र असर होने तक

कौन जीता है तेरी

हाँ

कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक

हाँ

कौन जीता है

कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक

हाँ

कौन जीता है तेरी

आशिक़ी सब्रतलब हाय और तमन्ना बेताब

आशिक़ी सब्रतलब और तमन्ना बेताब

दिल का क्या रंग करूँ ख़ूनएजिगर होने तक

हाँ

दिल का क्या रंग करूँ

हाँ

दिल का क्या रंग करूँ

हमने माना के तग़ाफ़ुल ना

हाँ

हमने माना के तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन

हमने माना के तग़ाफ़ुल न करोगे हे लेकिन

ख़ाक हो जायेंगे

ख़ाक हो जायेंगे हम तुम को ख़बर होने तक

हाँ

ख़ाक हो जायेंगे हम तुम को ख़बर होने तक

हाँ

ख़ाक़ हो जायेंगे

यक नज़र बेश नहीं

यक नज़र बेश नहीं फ़ुरसतएहस्ती ग़ाफ़िल

गर्मीएबज़्म है

गर्मीएबज़्म है इक रक़्सएशरर होने तक

हाँ

गर्मीएबज़्म है इक रक़्सएशरर होने तक

हाँ

गर्मीएबज़्म है

ग़मएहस्ती का असद किस से हो जुज़ मर्ग इलाज

शमा हर रँग में जलती है सहर होने तक

हाँ

शमा हर रँग में