आज कल में ढल गया, दिन हुआ तमाम - The Indic Lyrics Database

आज कल में ढल गया, दिन हुआ तमाम

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर - मोहम्मद रफी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - बेटी बेटे | वर्ष - 1964

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आज कल में ढल गया, दिन हुआ तमाम
तू भी सो जा, सो गई रंगभरी शाम
सो गया चमन-चमन, सो गई कली-कली
सो गए हैं सब नगर, सो गई गली-गली
नींद कह रही है चल मेरी बाहें थाम
तू भी सो जा ...
है बुझा-बुझा सा दिल, बोझ साँस-साँस पर
जी रहे हैं फिर भी हम, सिर्फ़ कल की आस पर
कह रही है चाँदनी ले के तेरा नाम
तू भी सो जा ...
कौन आयेगा इधर, किसकी राह देखे हम
जिनकी आहटें सुनी, जाने किसके थे कदम
अपना कोई भी नहीं, अपने हैं तो राम
तू भी सो जा ...