बहती हवा सा था वो, उड़ती पतंग सा था वो - The Indic Lyrics Database

बहती हवा सा था वो, उड़ती पतंग सा था वो

गीतकार - स्वानंद किरकिरे | गायक - शान - शंतनू मोईत्रा | संगीत - शांतनु मोइत्रा | फ़िल्म - ३ इडियट्स | वर्ष - 2009

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बहती हवा सा था वो, उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
हमको तो राहें थी चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हें को खुलके जीता था वो
कहाँ से आया था वो, छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
सुलगती धूप में छाँव के जैसा
रेगिस्तान में गाँव के जैसा
मन के घाव पे मरहम जैसा था वो
हम सहमे से रहते कुए में
वो नदियाँ में गोते लगाता
उल्टी धारा चीर के तैरता था वो
बादल आवारा था वो, यार हमारा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो