मैं तो हर मोद पर तुझको दुंगा सदा - The Indic Lyrics Database

मैं तो हर मोद पर तुझको दुंगा सदा

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - सपन-जगमोहन | फ़िल्म - चेतना | वर्ष - 1970

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मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूँगा सदा
मेरी आवाज़ को दर्द के साज़ को तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ ...मुझे देखकर कह रहे हैं सभी मोहब्बत का हासिल है दीवानगी -२
प्यार की राह में फूल भी थे मगर मैने काँटे चुने
मैं तो हर मोड़ ...जहाँ दिल झुका था वहीं सर झुका मुझे कोई सजदों से रोकेगा क्या -२
काश टूटें ना वो आरज़ू ने मेरी ख़्वाब जो हैं बुने
मैं तो हर मोड़ ...मेरी ज़िन्दगी में यही ग़म रहा तेरा साथ भी तो बहुत कम रहा -२
दिल ने साथी मेरे तेरी चाहत में थे ख़्वाब क्या-क्या बुने
मैं तो हर मोड़ ...तेरे गेसुओं का वो साया कहाँ वो बाँहों का तेरी सहारा कहाँ
अब वो आँचल कहाँ मेरी पलकों से जो भीगे मोती चुने
मैं तो हर मोड़ ...