काँतों में रहने वाले - The Indic Lyrics Database

काँतों में रहने वाले

गीतकार - रमेश गुप्ता? | गायक - मुकेश | संगीत - जयंती जोशी | फ़िल्म - मतलबी दुनिया | वर्ष - 1961

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काँटों में रहने वाले काँटों से क्या डरेंगे -२
हँस-हँस के आफ़तों का हम सामना करेंगे -२
काँटों में रहने ...हर हाल में ख़ुश हूं मैं कुछ भी नहीं कहना है
जिस हाल में रखे तू उस हाल में रहना है
मिन्नत नहीं करेंगे हमसे न तू ये कहना
ओ आसमान वाले ग़फ़लत में तू न रहना
तेरे ही फ़ैसले को मंज़ूर हम करेंगे
काँटों में रहने ...ठोकरें खा-खा के इक दिन ख़ाक़ में मिल जाएंगे
पर तेरे ज़ुल्म-ओ-सितम हम न ज़ुबाँ पर लाएंगे
मरना तो इक दिन है डरने से फ़ायदा क्या
शिकवा गिला किसी को करने से फ़ायदा क्या
रखा है सोच हमने हँसते हुए मरेंगे -२
काँटों में रहने ...