मन से चिंता की घटा दुउर हो जा - The Indic Lyrics Database

मन से चिंता की घटा दुउर हो जा

गीतकार - मोती | गायक - ज़ीनत बेगम, अन्य | संगीत - पं अमरनाथ | फ़िल्म - कैसे कहूं | वर्ष - 1945

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मन से चिंता की घटा दूर हो जाअंग अंग में उमंग नाच उठी
मन में कोई तरंग जाग उठी
आँखों में सुन्दर संसार बसा
मन से चिन्ता की घटा ...आशा की क्यारी में फूल खिले
दो कोमल प्राणों के तार मिले
डाली पे दो कोमल पात हिले
जीवन में नया नया प्यार हँसा
मन से चिन्ता की घटा ...दूर देश से आईं काली घटाएँ
बरसें, एक नया गीत सुनाये
दुख के है सागर में सुख का संसार छुपा