जाने मेरा दिल किसे धुंध रह हैं - The Indic Lyrics Database

जाने मेरा दिल किसे धुंध रह हैं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - लाट साहेब | वर्ष - 1967

View in Roman

जाने मेरा दिल किसे ढूँढ रहा है इन हरी-भरी वादियों में
कभी न कभी तो टकराएगा दिल दिल से इन्हीं आबादियों में
जाने मेरा दिल ...ये किसकी लगन मंज़िल-मंज़िल हर रोज़ मुझे ले जाती है
ये किसकी तमन्ना सीने में जो आस के दीप जलाती है -२
ओ जाने मेरा दिल ...झरनों में नहाती जलपरियाँ क्यों जाने मुझे ललचाती हैं
जंगल की कँवारी कलियाँ भी हँस-हँस के क़यामत ढाती हैं
ओ जाने मेरा दिल ...जब देखे बिना मदहोश हूँ मैं देखूँगा उसे तो क्या होगा
क्या नूर भरी सूरत होगी क्या प्यार भरा जलवा होगा -२
ओ जाने मेरा दिल ...