काले काले आए बदरवा आवो साजन मोरे आवो - The Indic Lyrics Database

काले काले आए बदरवा आवो साजन मोरे आवो

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सहगान, सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - नाटक | वर्ष - 1947

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सु : काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवो
को : काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवोसु: जब सावन की रुत आये सजनवा
जिया पे लागे मोरे ठेस
ऐसे में तुम मोरे सजनवा
काहे गये परदेस
को: जब सावन की रुत आये सजनवा
जिया पे लागे मोरे ठेस
ऐसे में तुम मोरे सजनवा
काहे गये परदेसहो काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवो
काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवोसु : जब पनघट पे सखियन के संग मैं
पनिया भरन को जाऊँ
छलक पड़े नयनन की गगरी
रो-रो नीर बहाऊँ
को : जब पनघट पे सखियन के संग मैं
पनिया भरन को जाऊँ
छलक पड़े नयनन की गगरी
रो-रो नीर बहाऊँ
हो काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवो
काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवोसु : अरे हरे-हरे ये खेत सजनवा
कटे तो फिर उगि आये
गयी जवानी बीत तो सजना
नहीं लौट के आये
को : अरे हरे-हरे ये खेत सजनवा
कटे तो फिर उगि आये
गयी जवानी बीत तो सजना
नहीं लौट के आयेहो काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवो
( काले-काले आये बदरवा
आवो सजन मोरे आवो ) -३