बीतें हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी - The Indic Lyrics Database

बीतें हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी

गीतकार - हसन कमाली | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - निकाहः | वर्ष - 1982

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अभी अलविदा मत कहो दोस्तों
न जाने कहा फिर मुलाकात हो
बीते हुये लमहों की कसक साथ तो होगी
ख्वाबों ही में हो चाहे, मुलाकात तो होगी
ये प्यार में डूबी हुई रंगीन फजायें
ये चेहरे, ये नज़रे, ये जवां रुत, ये हवायें
हम जाये कही इन की महक साथ तो होगी
फूलों की तरह दिल में बसाये हुये रखना
यादों के चरागों को जलाये हुये रखना
लंबा है सफ़र इस में कही रात तो होगी
ये साथ गुज़ारे हुये लमहात की दौलत
जज़बात की दौलत ये ख़यालात की दौलत
कुछ पास न हो पास ये सौगात तो होगी