ऐ बाबू ये publicहै public - The Indic Lyrics Database

ऐ बाबू ये publicहै public

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - रोटी | वर्ष - 1970

View in Roman

ऐ बाबू ये publicहै public
ये जो publicहै सब जानती है
ये जो publicहै
अजी अन्दर क्या है बाहर क्या है
ये सब कुछ पहचानती है
ये जो public...

ये चाहे तो सर पे बिठा ले चाहे फेंक दे नीचे
पहले ये पीछे भागे फिर भागो इसके पीछे
अरे दिल टूटे तो अरे ये रूठे तो
तौबा कहाँ फिर मानती है
ये जो public...

क्या नेता क्या अभिनेता दे जनता को जो धोखा
पल में शोहरत उड़ जाए ज्यों एक पवन का झोंका
अरे ज़ोर न करना अरे शोर न करना
ज़ोर न करना शोर न करना
अपने शहर में शांति है
ये जो public...

हीरे-मोती तुमने छुपाए कुछ हम लोग न बोले
अब आटा-चावल भी छुपा तो भूखों ने मुँह खोले
अरे भीख न माँगे कर्ज़ न माँगे
ये अपना हक़ माँगती है
ये जो public...