अपने कई रूप हैं इसलिए - The Indic Lyrics Database

अपने कई रूप हैं इसलिए

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - लफंगे | वर्ष - 1970

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अपने कई रूप हैं इसलिए
कहते हैं सब हमको बहरूपिए
चेहरे से हमको न पहचानिए
हम कितने रंग में रंगे हैं
लोग कहते हैं हम लफ़ंगे हैं

अपने ख़्यालों में जो है हसीं
एक दिन मिलेगी कहीं ना कहीं
हम इन्सान दिल के चंगे हैं
लोग कहते हैं ...

यारों की खाली दुआ चाहिए
अपने लिए हमको क्या चाहिए
उनकी दुआओं की दया चाहिए
हम कितने रंगों में रंगे हैं
लोग कहते हैं ...