kaii sadiyon se kaii janamon se - The Indic Lyrics Database

kaii sadiyon se kaii janamon se

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - बृज भूषण | फ़िल्म - मिलाप | वर्ष - 1972

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कई सदियों से, कई जनमों से -२
तेरे प्यार को तरसे मेरा मन
आ जा
आ जा के अधूरा है अपना मिलन
कई सदियों से(राहों में कहीं, नज़र आया
अपने ही खयालों का साया) -२
कुछ देर मेरा मन, लहराया
ओ ओ ओ, फिर डूब गई आशा की किरण
आ जा
आ जा के अधूरा है अपना मिलन
कई सदियों से(सपनों से मुझे, न यूँ बहला
पायल के खोये गीत जगा) -२
सुनसान है जीवन की बगिया
ओ ओ ओ, सूना है बहारों का आँगन
आ जा के अधूरा है अपना मिलन
कई सदियों से