बेचैन नज़र बेताब जिगर - The Indic Lyrics Database

बेचैन नज़र बेताब जिगर

गीतकार - जां निसार अख्तर | गायक - तलत महमूद | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - यास्मीन | वर्ष - 1955

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बेचैन नज़र बेताब जिगर
ये दिल है किसीका दीवाना, हाय दीवाना
कब शाम हो और वो शम्मा जले
कब उड़ कर पहुँचे परवाना
है दिल का चमन खिलने के लिये
आयेगा कोई मिलने के लिये
फूलों से कहो, तारों से कहो
चुपके से सजा दें वीराना
जब रात ज़रा शबनम से धुले
लहराई हुई वो जुल्फ़ खुले
नज़रों से नज़र एक भेद कहे
दिल दिल से कहे एक अफ़साना
रंगीन फ़िज़ा छाये तो ज़रा
वादे पे कोई आये तो ज़रा
ऐ जोश-ए-वफ़ा दिल चीज़ है क्या
हम जान भी दें दें नज़राना