मन की प्यास मेरे मन से ना निकाली - The Indic Lyrics Database

मन की प्यास मेरे मन से ना निकाली

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली | वर्ष - 1971

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मन की प्यास मेरे मन से ना निकली -२
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली -२
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछलीपायल आहें भरे घुँघरू रोये संग संग मेरे -२
थिरके पग बेकरार बेबस देखो कजरा भरे
खाली गागर सिर पे साधे प्यासी जाऊँ किसके आगे
सबके नयन बिन बरखा की बदली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछलीहो
हूँ मैं ऐसी पवन बांधा जिसको संसार ने -२
ऐसी झनकार हूँ घेरा जिसको दीवार ने
सोचा था झूलूँगी गगन में
पड़ गये बंधन सारे तन में
भई बेजान मैं निरत बिन बिजलीऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली -२
मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पूँ के जैसे
हो ऐसे तड़पूँ के जैसे