आपके कमरे में कोई रहता हैं - The Indic Lyrics Database

आपके कमरे में कोई रहता हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आर डी बर्मन, आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - यादों की बारात | वर्ष - 1973

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कि : आपके कमरे में कोई रहता है
हम नहीं कहते ज़माना कहता हैहम आज इधर से गुज़रे तो बड़े इत्मीनान से
गिरा रहा था कोई परदा हाय सर-ए-शाम से
उधर आपकी photoसे सजी दीवार पे
पड़ा हुआ था एक साया बड़े आराम से
आपके कमरे में ...आ : मगर एक दिन मैं गुज़री गली में सरकार की
तभी से चलती दिल पे हाय तलवार सी
दबी-दबी हल्की-हल्की हँसी की अदाओ में
मचल रही किसी चूड़ी की हाय झंकार सी
यह न समझो कोई ग़ाफ़िल रहता हैकि : अगर मैं कहूँ जो देखा नहीं था वह कोई ख़्वाब
पड़ा था tableपे चश्मा वह किसका जनाब
गोरे गले में वह मफ़लर था किस हसीन का
ज़रा हाथ दिल पर रख कर दीजिए जवाब
आपके कमरे में ...